Manush Janam Anmol Re-मनुष्य जन्म अनमोल रे
मनुष्य जन्म अनमोल रे एक प्रसिद्ध हिंदी भजन है जिसे संत कबीर द्वारा गाया गया है। यह भजन कबीरदास जी की भाषा में एक मानवीय संदेश प्रस्तुत करता है। Manush Janam Anmol Re सभी मनुष्यों के जन्म की महत्वता का उद्घोषण किया गया है। यह भजन उस चीज़ की और ध्यान दिलाता है जो हमारे जीवन में असली महत्त्व रखती है। जीवन को भगवान का एक उपहार माना जाता है और हमें इसे सन्मान देना चाहिये ,और जीवन में सत्कर्म करना चाहिए।
मनुष्य जन्म अनमोल रे भजन का भावार्थ है की हमेशा मनुष्य जन्म की महत्ता को समझना और अच्छे कर्म के माध्यम से जीवन को पहले से बेहतर बनाना। यही मनुष्य जीवन का उद्देश्य होना चाहिए। इसके माध्यम से, हमें सभी मनुष्यों में एकता को देखने और सभी से प्यार और सन्मान से व्यवहार करना सीखते है। यह भजन हमें मानवीयता और सहानुभूति जैसे अनमोल मूल्य सीखता है।Manush Janam Anmol Re Lyrics
[मनुष्य जन्म अनमोल रे]
मनुष्य जन्म अनमोल रे ,माटी में मत रोल रे।
अब तो मिला है फिर न मिलेगा -कभी नही ,कभी नही २
।।टेर।।
एक बुल बुला पानी का ,
मतकर जोर जवानी का।
संभल संभल कर चलना रे भैया पता नही जिन्दगानी का।
मीठी वाणी बोल रे ,हिल मिल के तू डोल रे ।।१।।
अब तो..........
मतलब का संसार है ,
इसका नही पाराबार है।
सोच समजकर चलना रे भैया ,फूल नही अंगारा है।।
अब तो अंखिया खोल रे प्रभु से नाता जोड रे।।२।।
अब तो..........
तू सतसंग में जाया कर ,
गीत प्रभु के गाया कर।
सांझ सबेरे बेठ कर बन्दा ,प्रभु का ध्यान लगाया कर।
ना लगता कुछ मोल रे ,यह वस्तु अनमोल रे।।३।।
अब तो.........
श्री गुरु त्रिकाल है ,
ज्ञान का भंडार है।
जो कोई इनकी शरण में आवे ,होगा बेडा पार है।
ज्ञान किवडिया खोल रे ,राधे -राधे बोल रे।।४।।
अब तो..........
Manush Janam Anmol Re Video
आपने अभी भजन "मनुष्य जन्म अनमोल रे" के बोल (Lyrics) इस लेख में देखे हैं, इस भक्तिपूर्ण और आध्यात्मिक भजन से सबंधित अन्य भजन निचे दिये गये हैं जो आपको अवश्य ही पसंद आयेगे, कृपया करके इन भजन को भी देखें.
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