Shriman Narayan Vinati Bhajan-श्रीमन नारायण विनती भजन
Shriman Narayan Vinati Bhajan Lyrics
श्रीमन्नारायण सुणजो वीनती ,मैं शरण तुम्हारी।।टेर।।
मैं हूँ पापी जन्म -जन्म को ,कहा कहूँ करतार।
श्री चरणन से विमुख होयकर ,भटक्यो द्वारहिं द्वारजी।।१।।
श्री वैष्णवाजन कृपाकरी अति ,ताको अंत न पार।
श्री पति के शरणागत होजा ,होगा बेड़ा पार जी।।२।।
अखिल कोटि ब्रह्मांडपती हैं ,सब जगके आधार।
ब्रह्मादिक सब स्तुती करत हैं ,फिर -फिर बारहिं बारजी।।३।।
आपही मातापिता सब जगके ,आपही सब धनमाल।
श्रीरामानुज की किरपा से ,भयो दासको ज्ञानजी।।४।।
श्री चरणन में प्रेम बढ़ावो ,मिला भागवत संग।
श्री वैष्णव को दास गातजस ,करों मानमद भंगजी।।५।।
आपने अभी भजन "श्रीमन नारायण विनती भजन" के बोल (Lyrics) इस लेख में देखे हैं, इस भक्तिपूर्ण और आध्यात्मिक भजन से सबंधित अन्य भजन निचे दिये गये हैं जो आपको अवश्य ही पसंद आयेगे, कृपया करके इन भजन को भी देखें.
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