Tirupati Balaji Bhajan-तिरुपति बालाजी भजन
Tirupati Balaji Bhajan Lyrics
*श्री वेंकटेश भगवान भजन *
श्री व्यंकटेश भगवान ,तुम्ही सुखधाम ,
भक्त हितकारी में आयो शरण तिहारी।।टेर।।
वेदोंमें ऐसा गाया है ,तेरा पार न किसने पाया है।
प्रल्हादके कारण नृसिंहरुप लिया धारी।।मै आयो शरण तिहारी ..... ।।१।।
रंकाबंका मीराबाई ,तारे थे सेनभक्त नाई।
गजके कारण तुम छाँडी गरुड़सवारी।।मै आयो शरण तिहारी ..... ।।२।।
नरसी जी नगर अंजार गये ,उनके भी कारज सार दिये।
वो भरियो मायरो बन के सेठ गिरधारी।।मै आयो शरण तिहारी ...... ।।३।।
भिलनीके मीठे बेर लिए ,कर्माका खीचड़ खाय गये।
वो दुर्योधनका मेवा दिया विसारी।।मैं आयो शरण तिहारी ........ ।।४।।
द्रोपदीकी लज्जा राखी है। नामा की छान छवादी है।
वो नारि अहिल्या जाके तुमने तारीं।। मैं आयो शरण तिहारी ........ ।।५।।
शिर सूदरण मुकुट सुहाता है ,कानों में कुण्डल भाता है।
वो तिलक भाल परशोभा दे रहे न्यारी।।मैं आयो शरण तिहारी ........ ।।६।।
हृदय में लक्ष्मी बिराजे है ,भृगुलता पास में छाजे हैं।
वो गलविच मोतियनकी है मालान्यारी।।मैं आयो शरण तिहारी ....... ।।७।।
एक हाथ में शंख सुहाता है ,दूजे में चक्र अति भाता है।
तीजा है प्रहस्थ चौथे में पद्म है भारी।।मैं आयो शरण तिहारी ...... ।।८।।
भूदेवी जिनके पास खड़ी ,श्री देवी जिनके साज सजी।
यह छवी देखकर चकित भये नरनारी।।मैं आयो शरण तिहारी ........ ।।९।।
रामानुज आज्ञा कारी है ,जाने जो दुनियाँ सारी है।
श्री वैष्णव धर्मका जिनने किया प्रचारी।।मैं आयो शरण तिहारी ........ ।।१०।।
दासानुदास एक बाल भी है ,यह श्रीनिवास सूंठवाल भी है।
कृपा जो कर दो भवतोपर सब हो पारी।।मैं आयो शरण तिहारी ....... ।।११।।
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