Mere Data Ke Darbar Mein-मेरे दाता के दरबार में
Mere Data Ke Darbar Mein Lyrics
मेरे दाता के दरबार में सब लोगों का खाता।
जो कोई जैसी करनी करता ,वैसा ही फल पाता।।
क्या साधु ,क्या सन्त गृहस्थी ,क्या राजा क्या रानी ,
प्रभु की पुस्तक में लिखी है सब की कर्म कहानी।
अन्तर्यामी अंदर बैठा ,सब का हिसाब लगाता।।१।।
बड़े -बड़े कानून प्रभु के बड़ी -बड़ी मर्यादा ,
किसी को कौड़ी कम नहीं मिलती ,मिले न पाई ज्यादा।
इसीलिए वह दुनिया का जगत्पति कहलाता।।२।।
चले न उस के आगे रिश्वत चले नहीं चालाकी ,
उस की लेन -देन की बंदे रीति बड़ी है बांकी।
समझदार तो चुप है रहता ,मूरख शोर मचाता।।३।।
उजली करनी कर ले बन्दे कर्म न करयो काला ,
लाख आँख से देख रहा है तुझे देखने वाला।
उसकी तेज नजर से बंदे ,कोई नही बच पाता।।४।।
Mere Data Ke Darbar Mein Video
आपने अभी भजन "मेरे दाता के दरबार में" के बोल (Lyrics) इस लेख में देखे हैं, इस भक्तिपूर्ण और आध्यात्मिक भजन से सबंधित अन्य भजन निचे दिये गये हैं जो आपको अवश्य ही पसंद आयेगे, कृपया करके इन आरतियो को भी देखें.
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