Kirtan Ramayan-कीर्तन रामायण
श्री शेषार्य शठारी रंग रमण श्री देशि केन्द्रानुगम।
नित्यं ध्यान सुदर्शनार्य चरितं श्रीमद धनामाश्रयम ।।
श्रीमद बालमुकुंद देशिक दया दीक्षनिर्देशं प्रभुं।
वन्द श्री गुरु वीर राघव पद द्वन्द्व प्रपद्य महे।।
प्यारे घनश्यामहो ,सिता के पति राम हो।
जय हो तेरी गोविंदा ,भक्तों के भगवान हो ।।
(१ )
श्री गणपती का ध्यान लगाकर ,गुरु को शीश नमाता हूँ।
नारद शारद महेश शेष मुनि ,सबको विनय सुनाता हूँ।
निर्मल दीजे ज्ञान हो ,महिमा करूं बखान हो।
जय हो तेरी गोविंदा ,सिता के पति राम हो।।प्यारे ०
(२)
हाथ जोड़कर गिरजा पूछे ,विश्वनाथ कैलासी हो।
किसका धरने ध्यान आप ,यह बतलाओ अविनाशी हो।
रामचंद्र अवतारी है या कोई लीलाधारी है।
जय हो तेरी गोविंदा ,भक्तों के भय हरी है ।।प्यारे ०
(३)
शिवजी कहते सुनले गिरजा ,रामचंद्र अवतारी है।
जब जब भीड पडी भक्तन पर ,आये लीला धारी है।
इष्ट देव मेरे राम है ,जिनका करते ध्यान है।
जय हो तेरी गोविंदा ,लीला करूं बखान है ।।प्यारे ०
(४ )
त्रेता युग की कहूं कहानी ,खल रावण का राज्य हुआ।
पाप बढा पृथ्वी के उपर ,सत्य धर्म का नाश हुआ ।
सब मिल करी पुकार है ,आवो दीन दयाल है।
जय हो तेरी गोविंदा ,हो रहा अत्याचार है ।।प्यारे ०
(५ )
सुनी पुकार भक्तो की प्रभु ने ,अवधपुरी अवतार हुआ।
माता कौशल्या करे आरती ,घर घर मंगलचार हुआ।
दशरथजी के लाल हो ,कौशल्या के बाल हो।
जय हो तेरी गोविंदा ,भक्तों के प्रतिपाल हो ।।प्यारे ०
(६ )
कटि किंकणी अरु पति झुंगलिया ,कोटीकाम छबि छाये हो।
ठुमक ठुमक खेले अंगन मे माता पिता मन भाये हो।
सुंदरता के धाम हो ,प्यारे राघव राम हो।
जय हो तेरी गोविंदा ,लक्ष्मण के बल धाम हो ।।प्यारे ०
(७ )
क्रीट मुकुट मकराकृत कुण्डल ,गल वैजयंतीमाला हो।
श्यामलगात पिताम्बरं सोहे ,धनुषबाण कर धारे हो।
शोभा के सुखधाम हो ,कौशल्या के राम हो।
जय हो तेरी गोविंदा ,तुलसी के घन:शाम हो ।।प्यारे ०
(८ )
मुनिसंग जाय ताड़का मारी ,तारी अहिल्या नारी हो।
मारे असुरों को तुम बन मे ,मुनियो के भय हारी हो।
संतों के सुख धान हो भक्तों के भगवान हो।
जय हो तेरी गोविंदा ,निर्बल के बलराम हो ।।प्यारे ०
(९ )
जाय जनकपुर धनुष उठायो ,भूपजनक प्रण सारा हो।
सीता ब्याह राम घर आये ,घर घर मंगला चारा हो।
परशुराम के राम हो ,लीला करते श्याम हो।
जय हो तेरी गोविंदा ,भक्तों के भगवान हो ।।प्यारे ०
(१० )
मातापिता की आज्ञा पाई ,चित्रकूट पग धारा हो।
दण्डक बन प्रभु पावन कीनो ,ऋषि मुनि काज संवारा हो ।
सन्तों के सुखधाम हो ,दिनो के घन:श्याम हो।
जय हो तेरी गोविंदा ,भक्तों भगवान हो ।।प्यारे ०
(११ )
पंचवटी मे जाकर तुमने ,चन्दन कुटी बनाई हो।
सूर्पनखा रावण की भगिनी ,रूप बनाकर आई हो।
लक्ष्मण काटी नाक है ,कान कर दिये साफ है।
जय हो तेरी गोविंदा ,अन्तरयामी आप है ।।प्यारे ०
(१२ )
नाक कान से बुची होकर ,सेना लेकर आई हो।
सीता पति रघुवर नें जिसको ,क्षण में मार गिराई हो।
खरदुषण को मारा है ,भूमी भार उतारा है।
जय हो तेरी गोविंदा ,भक्तों के प्रभु प्यारे हो ।।प्यारे ०
(१३ )
सूर्पनखा लंका मे जाकर ,ऐसी अरज सुनाई है।
तेरे होते मेरे भैया ,मैने नाक कटाई है।
रावण करे विचार है ,कहा हो गया अवतार है।
जय हो तेरी गोविंदा लीला अपरम्पार है ।।प्यारे ०
(१४ )
रावण ले मारीच को संग मे ,पंचवटी मे आया है।
वहाँ आय माया मृग बन कर सीता मन ललचाया है।
रघुवर चाप सुदारा है ,धनुष बाण कर धारा है।
जय हो तेरी गोविंदा ,कंचन मृगको मारा है ।।प्यारे ०
(१५ )
माया मृग मरते ही जिसने लक्ष्मण नाम पुकारा है।
करुणा वाणी सुनकर सीता ,लक्ष्मण विर पठाया है।
रावण रूप बनाया है ,सीता हरके लाया है।
जय हो तेरी गोविंदा ,यह सब प्रभुकी माया है ।।प्यारे ०
(१६ )
सुनी कुटिया पाई प्रभुने ,करुणा सागर करुणा की।
शिवजी कह ते सुनके गिरजा ,यह सब प्रभु नर लीला की।
आगे गिध्द पडा दुख दाई है ,सिता खबर सुनाई है।
जय हो तेरी गोविंदा ,जिन धाम दिया रघुराई है ।।प्यारे ०
(१७ )
शबरीके बेर सुदामा के तन्दुल ,रूचि रूचि भोग लगाया हो।
ऊंच निच की शंका न माने ,ऐसे दिन दयाला हो।
पतित पावन राम हो ,निर्बल के घन:श्याम हो।
जय हो तेरी गोविंदा ,भक्तों के भगवान हो ।।प्यारे ०
(१८ )
आगे जाकर श्री रधुवर की ,हनुमान से भेट हुई।
सुग्रीव से जा करी मिलाई ,और सभी पहचान हुई।
धनुष बाण कर धारा है ,बाली जाकर मारा है।
जय हो तेरी गोविंदा ,भूमी भार उतारा है ।।प्यारे ०
(१९ )
सिता माँ की सुधि लेने को ,हनुमानजी धाये है।
लंका मे जा अशोक बन में ,सीता दर्शन पाये है।
मुदरी दिनी डाल है ,अंजनी के लाल है।
जय हो तेरी गोविंदा ,भक्तो के प्रतिपाल है ।।प्यारे ०
(२० )
हनुमान लंका में जाकर ,ऐसी धूम मचाई है।
उलट पुलट कर लंका सारी ,रोते लोग लुगाई है।
रावण का होगा नाश हों ,आ गए दिन अब पास है।
जय हो तेरी गोविंदा ,भक्तो के प्रभु आप है ।।प्यारे ०
(२१ )
सीता माँ से चूड़ियाँ लाकर ,सीता पति को दिनी है।
भालु कपि की सेना लेकर ,लंका चढ़ाई किनी है।
हनुमान बलवान है ,लक्ष्मण शोभा धाम है।
जय हो तेरी गोविंदा ,भक्तों के भगवान है ।।प्यारे ०
(२२ )
रामेश्वर की करी स्थापना ,दिन बन्धु रघुराई है।
सागर ऊपर सिला तिराई सेना पार लगाई है।
लक्ष्मण भेजा दुत है ,बाली का सपूत है।
जय हो तेरी गोविंदा ,रावण यम का दूत है ।।प्यारे ०
(२३ )
लंका मे जा श्री अंगद ने ,रावण को समझाया है।
साम दाम और दंड भेज कर ,अपना बल दिखलाया है।
छोड दे अभिमान को ,सीता दे भगवान को।
जय हो तेरी गोविंदा ,बेडा तेरा पार हो ।।प्यारे ०
(२४ )
काल विवश हों लंकेश्वर नें ,बात एक न मानी है।
अंगद कहत सुनरे रावण ,क्यों करता नादानी है।
काल तेरा पास है ,होगा तेरा नाश है।
जय हो तेरी गोविंदा ,राम आगए पास है ।।प्यारे ०
(२५ )
अंगद रामा दल मे आकर ,प्रभु को शीश नवाए है।
सेना लेंकर लक्ष्मणजीने ,लंका गढ़पर धाये है।
बिकट छिड़ा संग्राम है ,लक्ष्मण बल के धाम है।
जय हो तेरी गोविंदा ,महावीर बलवान है ।।प्यारे ०
(२६ )
कहे मंदोदरि सुन प्रिय रावण ,यह क्या कु मति टानी है।
जिनकी सीता तुम हर लाए ,वे प्रभु अंतर यामी है।
रामजी अवतारी है ,लक्ष्मणजी बलधारी है।
जय हो तेरी गोविंदा ,भक्तो के भय हारी है ।।प्यारे ०
(२७ )
इन्द्रजींत से पुत्र हमारे कुम्भकरण भाई है।
गढ़ लंका से कोंट हमारे ,सात समंदर खाई है।
क्यों इतनी घबराई है ,पीहर दू भिजवाई है।
जय हो तेरी गोविंदा ,क्या उनकी करत बढ़ाई है ।।प्यारे ०
(२८ )
हनुमनसे पायल उनके ,लक्ष्मण से बल भाई है।
जलती अग्नि मे कूद पड़ेंगे ,कोट गिने न खाई है।
शरणागत हो राम की ,देदों उनकी जानकी।
जय हो तेरी गोविंदा ,महिमा करुणा निधान की ।।प्यारे ०
(२९ )
हनुमान और अंगद ने ,ऐसा युद्ध मचाया है।
लक्ष्मणजी के बाणों से ,हाँ मेघनाथ घबराया है।
इंद्रजीत भय खाया है ,शक्ति बाण चलाया है।
जय हो तेरी गोविंदा ,लक्ष्मण अंग समाया है ।।प्यारे ०
(३० )
मूर्छित देखा लक्ष्मणजी को ,दीन बंधू घबराया है।
हनुमानजी द्रोणाचल जा ,अमृत बूंटी लाए है।
लक्ष्मण को पिलाई है ,वीर उठा हर्षाई है।
जय हो तेरी गोविंदा ,नर लीला दिखलाई है ।।प्यारे ०
(३१ )
कुम्भकरण आकर के रण मे ,एैसा युद्ध मचाया है।
कपिदल सेना मूर्छित करके ,प्रभु के सन्मुख आया है।
रघुवर चाप सुधारा है ,कुम्भकरण को मारा है।
जय हो तेरी गोविंदा ,भूमि भार उतारा है ।।प्यारे ०
(३२ )
कुम्भकरण का मरना सुनकर ,मेघनाथ वहाँ आया है।
क्रोध मे आकर लक्ष्मणने अपना बाण चलाया है।
मेघनाथ को मारा है ,असुरों को संहारा है।
जय हो तेरी गोविंदा ,भक्तो को प्रभु प्यारा है ।।प्यारे ०
(३३ )
कुम्भकरण और मेघनाथ का ,रण मे काम तमाम हुआ।
इतन सुनकर लंका मे ,घर घर हाहाकार हुआ।
अब रोता रण वास है ,रावण होगा नाश है।
जय हो तेरी गोविंदा ,रावण भया उदास है ।।प्यारे ०
(३४ )
चतुरंग सेना लेकर रावण ,रणभूमि मे आया है।
महाक्रोध मे आकर रावण ,अद्भुत युद्ध मचाया है।
देवो ने भय खाया है ,शेष नाग थर्राया है।
जय हो तेरी गोविंदा ,रावण महर्षया है ।।प्यारे ०
(३५ )
सुनी पुकार भक्तों कीरघुवर ,अपना चाप सुधारा है।
अपने तीखे बाणोंसे अब ,रावण कुल संहारा है।
रावण को भी मारा हे ,भूमि भार उतारा है।
जय हो तेरी गोविंदा ,राज्य बिभीषन सारा है ।।प्यारे ०
(३६)
रावण दल का मरना सुनकर ,देव सुमन बरसाए है।
हनुमानजी अशोक बन से ,सीताजी को लाए है।
नर लीला प्रभु कीनी है ,अग्नि परीक्षा लीनी है।
जय हो तेरी गोविंदा ,देव स्तुति किनी है ।।प्यारे ०
(३७ )
कपिदल सेना मरी जो रण मे ,उनको प्रभु जिलाई है।
बनवास की अवधि बीत गई ,अब याद भरत की आई है।
लंका से प्रभु धाये है ,अवध पूरी मे आयें है।
जय हो तेरी गोविंदा ,सबके मन हर्षाए है ।।प्यारे ०
(३८ )
राम लखन का आना सुनकर ,भरत शतृध्न आए है।
मात कौंशल्या करे आरती ,घर घर मंगल छाए है।
देव सुमन बरसाए है सखियन मंगल गाये है।
जय हो तेरी गोविंदा ,घर घर बटत बधाई है ।।प्यारे ०
(३९)
राम राज्य की हुई तयारी ,देव ऋषि सब आए है।
अद्भुत बाजे बजे इन्द्र के ,मंगल साज सजाए है।
गुरु वशिष्ट आए है ,प्रभुने शीश नवाए है।
जय हो तेरी गोविंदा ,सबके मन हर्षाये है ।।प्यारे ०
(४० )
शुभ घडी शुभ अवसर मे जाके ,तिलक अब सारा है।
हरि विधि शम्भु शेष मुनी ,सब जन ,जय जयकार पुकारा है।
देव सुमन बरसाए है ,वेदों नें यज्ञ गाए है।
जय हो तेरी गोविंदा ,भक्तों के मन भाए है ।।प्यारे ०
(४१ )
शिवजी कहते सुनले गिरजा ,जो कोई इसको गाता है।
चारों पदारथ उसके कर मे ,परम धाम वह पाता है।
रामायण का सार है ,लीला अपरम्पार है।
जय हो तेरी गोविंदा ,दुनिया का करतार है ।।प्यारे ०
(४२ )
राम रूप हो रावण मारा ,राज्य बिभीषन सारा हो।
कृष्ण रूप हो कंस पछाड़ा ,उग्रसेन कों तास हो।
"मदनलाल "ने गाई है ,जो भक्तों के मन भाई है।
जय हो तेरी गोविंदा ,दीनबन्धु रघुराई है ।।प्यारे ०
आपने अभी भजन "कीर्तन रामायण" के बोल (Lyrics) इस लेख में देखे हैं, इस भक्तिपूर्ण और आध्यात्मिक भजन से सबंधित अन्य भजन निचे दिये गये हैं जो आपको अवश्य ही पसंद आयेगे, कृपया करके इन भजन को भी देखें.
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