Ram Bhajan Tu Karle Prani-राम भजन तु करले प्राणी

राम भजन तू करले प्राणी प्रभु श्री रामजी का सुंदर भजन है जिसे भक्त बड़ी भक्ति और श्रद्धा के साथ गाते है। यह भजन भगवान राम के समर्पण, सेवा, प्रेम, विश्वास और आदर्श जीवन की महत्ता व्यक्त होती है। Ram Bhajan Tu Karle Prani भजन हमें याद दिलाता है की हमें सच्चे मन से भगवान की आराधना करनी चाहिए और उनके दिव्य गुणों को अपनी जीवनशैली में शामिल करना चाहिए। भजन हमें भगवान की सेवा के माध्यम से ही हम सच्ची खुशियों की प्राप्ति कर सकते है संदेश देता है। राम भजन का जाप करने से हमें शांति और सुख मिलता है। राम भजन हमें दिव्यता की अनुभूति करता है। भजन का जाप करके हम अपनी आत्मा को पवित्र बनाते है और सच्चे धर्म के मार्ग पर चलते है। राम भजन करने से हम भगवान के पास निकटता प्राप्त करते है और हमारी समस्याओं का हल प्राप्त करते है। 

Ram Bhajan Tu Karle Prani-राम भजन तु करले प्राणी

Ram Bhajan Tu Karle Prani Lyrics

राम भजन तन नही सुहावे जिवडा काठो काठोरे।

आलस में युं उमर बितावे बिना भाव को भाटोरे।

पर निंदा रुच रुच कर गावे हरीनाम लागे खाटोरे।

मधुर बोल मुखसे ना निकले लडबाने तो सांटोरे।

राम कथा थारे मन नही भावे देवे कान में दाटो रे। 

हरी मंदीर थारो पग ना उठे पडे पांवमे आंटोरे।

भुका ने तुं कभी ना घाले एक रोटीको आटोरे।

 धाया के लारे पडजावे धर जमीन ने पाटोरे।

वास बरत तुं कभी ना करे खावे घी को बाटयोरे।

थारी जीभ चटोकडी ह आ चाहे नितको चाटोरे।

खेल तमाशामें काडे अठ बिरथा जमारों कटयोरे।

दान धर्म सतकर्म ना जाने हरी भजन न नाटयोरे।

अब तो चेत भजन करले तु मालक सुं होसी गांठोरे।

मनुष्य जन्मको अर्थ ना जाण्यो इतनो कांई छे माठोरे।

थारा दुर्गुण लितना लिखता खतम हो गयो पाठोरे।

अंत काल पछतासी प्यारा ,पडसी जम को लाठोरे।

मनुष्य थारा दुर्गुणा सुं मालीक को मन फाटयोरे।

राम धणी की शरणमे जा अवगुण के लगादे कांटोरे।

 

आपने अभी भजन "राम भजन तु करले प्राणी" के बोल (Lyrics) इस लेख में देखे हैंइस भक्तिपूर्ण और आध्यात्मिक भजन से सबंधित अन्य भजन निचे दिये गये हैं जो आपको अवश्य ही पसंद आयेगे, कृपया करके इन भजन को भी देखें.

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