Nath Main Tharo Ji Tharo-नाथ मैं थारोजी थारो

नाथ मैं थारोजी थारो एक प्रसिद्ध भगवान का भजन है जिसके बोल बोहोत ही सुंदर और श्रद्धा से भरपूर है। Nath Main Tharo Ji Tharo भजन स्वामिभक्ति का उत्कृष्ट उदाहर है जिसमे भक्त अपने आप को भगवान की भक्ति में समर्पित कर देता है। भक्तों का समर्पण भाव भगवान के आशीर्वाद को प्राप्त करता है और उन्हें सभी दुःखों से छुटकारा प्रदान करता है और भक्ति मार्ग दिखता है। यह भजन पूजा, भक्ति और समर्पण का भाव जगाता है और उत्कृष्ट संगीत और शब्दों के कारण भक्तों के बीच प्रसिद्ध है।
Nath Main Tharo Ji Tharo-नाथ मैं थारोजी थारो

Nath Main Tharo Ji Tharo Lyrics

नाथ मैं थारोजी थारो !

चोखो ,बुरो ,कुटिल अरु कामी जो कछू हूं सो थारो ,

बिगड़यो हूं तो थारो बिगड़यो ,थे ही मनै सुधारो। 

सुधरयो तो प्रभु सुधरयो थारो ,थां सूँ कदे न न्यारो ,

बुरो बुरो मैं भोत बुरो हूं आखर टाबर थारो। 

बुरो कहाकर मैं रह जास्यूं ,नांव बिगड़सी थारो ,

थारो हूं थारो ही बाजूं रहस्यूं थारो थारो !!

आंगलियाँ नुहँ परै न होवै ,या तो आप विचारो ,

मेरी बात जाय तो जाओं ,सोच नहीं कुछ म्हारो। 

मेरे बड़ो सोच यो लाग्यौ ,बिरद लाजसी थारो ,

जचै जिसतरां करो नाथ !अब ,मारो ,चाहे त्यारो। 

जाँघ उघाड़याँ लाज मरोगा ,ऊडी बात बिचारो।।

 

Nath Main Tharo Ji Tharo Video

 

आपने अभी भजन "नाथ मैं थारोजी थारो" के बोल (Lyrics) इस लेख में देखे हैंइस भक्तिपूर्ण और आध्यात्मिक भजन से सबंधित अन्य भजन निचे दिये गये हैं जो आपको अवश्य ही पसंद आयेगे, कृपया करके इन भजन को भी देखें.

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