Tirupati Balaji Ki Aarti-तिरुपति बालाजी की आरती 

तिरुपति बालाजी का मंदिर भारत के आंध्र प्रदेश राज्य मे चित्तूर जिले में स्थित है। यह मंदिर हिन्दू धर्म कामहत्वपूर्ण तीर्थस्थल है और लाखों के संख्या में श्रद्धालु यह भगवान के दर्शन के लिए आते है। तिरुपति बालाजी भगवान को श्री व्यंकटेश्वर स्वामी के नाम से भी जाने जाते है। Tirupati Balaji Ki Aarti तिरुपति मंदिर मे आराधना का एक महत्वपूर्ण अंग है। यह आरती प्रतिदिन ब्रह्म मुहूर्त के समय होती है। आरती का प्रारंभ वेद मंत्रों के उच्चारण से होता है जो मंत्रमुग्ध कर देने वाला होता है। 

पुजारी भगवान की पूजा -अर्चना करते हैं और परमेश्वर की आरती के लिए दिया जलाते हैं। आरती के बाद  तिरुपति बालाजी की प्रतिमा की पदार्पणा की जाती है और श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया है। भक्तों के लिए तिरुपति बालाजी की आरती पवित्र है।
Tirupati Balaji Ki Aarti-तिरुपति बालाजी की आरती

Tirupati Balaji Ki Aarti Lyrics

जय श्री बोलोसाधु लक्ष्मण बालाजी।। 

 दक्षिण देश सवा लख पर्वत ,दक्षिण देश सवा लख पर्वत 

जिग मिग ज्योत श्री बालाजी हर -हर जिगमिग ज्योत श्री बालाकी।।१।। जय श्री।।

 

तिरुपतिमे सीतारामजी बिराजे ,तिरुपतिमे रघुरामजी बिराजे। 

चोकी हो हनुमंत बालाजी ,हस्हर चोकी हो बजरंग बालाजी।।२।। जय श्री।।

 

शेषाचल प्रभु आप बिराजे ,शेषाचल प्रभु आप बिराजे 

चोकी हो लक्ष्मण बालाजी हर -हर चोकी हो लक्ष्मण बालाजी।।३।। जय श्री।।

 

अगल बगल में पर्वतराजा अगल बगल में पर्वतराजा 

आदबीच कोयल बाला की हर -हर बिचमें कोयल सोनाकी।।४।। जय श्री।।

 

इजय विजय दोय पोळीया बिराजे इचय विजय दोय पोळीया बिराजे। 

गहरी हो धुस नगारांकी हर -हर गहरी हो बंब नगारांकी।।५।। जय श्री।।

 

बालाजीका रथपर रतन सिंहासन ,बालाजीका रथपर कनक सिंहासन। 

किलंगी बणी हो हिरालालकी ,हर -हर किलंगी बणी हो मोतीयन मालाकी।।६।। जय श्री।।

 

बृहस्पतिवार जरी को जामो ,बृहस्पतिवार पुष्पन को जामो। 

उपर मोज दुशालाकी हर -हर उपर मोज दुशालाकी।।७।। जय श्री।।

 

शुक्रवार दुधन का न्हावण ,शुक्रवार अमृत का न्हावण। 

मोज बणी हो मोहन मालाकी हर -हर मोज बणी हो पुष्पन मालाकी।।८।। जय श्री।।

 

दूरदेश का आवे हो यात्री ,देशदेश का आवे हो यात्री। 

मार पडे हो मृग छालां की हर -हर मार पडे हो मृग छालाकी।।९।। जय श्री।।

 

आशानन्द प्रभु शरण आपकी ,आशानन्द प्रभु शरण आपकी।

पत शरवो शरण आयाकी ,हर -हर लज्जा रारवो प्रभु भक्तनकी।।१०।। जय श्री।।

 

कंचन थाल कपूरकी बत्तियाँ ,कंचन थाल कपूरकी बत्तियाँ। 

आरती करो वेंकट बालाकी ,हर -हर आरती करो गीरी बालाकी।।११।। जय श्री।।

 

बालाकी हो प्रति पालाकी हर -हर दशरथ सूत नंदलालकी। 

हर -हर लंका लुटावण वालाकी। हर -हर मोर मुकुट बन्सीवालाकी। 

हर -हर बंसरी बजावण वालाकी। हर -हर धेनु चरावण वालाकी। 

हर -हर किलिकमलिया वालाकी। हर -हर परदेशा हो प्रतिपालाकी। 

जय श्रीबोलो साधु लक्ष्मण बालाकी।।

 

 Tirupati Balaji Ki Aarti Video

 

आपने अभी "तिरुपति बालाजी की आरती" के बोल (Lyrics) इस लेख में देखे हैंइस भक्तिपूर्ण और आध्यात्मिक आरती से सबंधित अन्य आरतीया निचे दि गई हैं जो आपको अवश्य ही पसंद आयेगे, कृपया करके इन भजन को भी देखें.

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