Aarti Shri Rani Satiji-आरती श्री राणी सतीजी

आरती श्री राणी सतीजी दादी माता की आरती है, जो भक्तों द्वारा उनके पूजा विधि के दौरान गाई जाती है। Aarti Shri Rani Satiji ये सती दादी के भक्ति गाकर भक्त सुख-शांति की प्रार्थना करते है। माँ सती दादी परम बलिदान प्रतिक है और हमें आध्यात्मिक मूल्यों पर जिनेका मार्ग बताती है। उनका पूजन करनेसे भक्तों की कठिनाइयाँ दूर होकर उन्हें समृद्ध जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है। 
Aarti Shri Rani Satiji-आरती श्री राणी सतीजी

Aarti Shri Rani Satiji Lyrics

तर्ज -(आरती श्री रामायण जी की )

आरती श्री राणी सतीजी ,बन्दनीय सुर सजन गुनिये की।।आरती ०।।

 

गावत ब्रहमा आदि सुरनायक ,

सेश शारदा कवि यस गायक। 

सती अनसूया पति गुण दायक ,

धर्म सनातन सुधा रमन की।१।

 

ॠग्य आदि वेद बखाने ,

अष्टादश पुराण पुलकाने। 

पतिव्रत नियम सत्य जग जाने ,

  वरणी न जाय कीरति सुमन की। २। 

 

सचि सुवर्च्चला अरुन्धती ,

लोपामुद्रा सुकन्या श्रीमती। 

मदयति दमयंती सावित्री ,

सीता आदि सती सुगती की। ३। 

 

मंगल मंजु विमल जग तरनी ,

  सति सरिता सैम सम कलि मल हरनी।।

जननि विविध दोष सम करनी ,

प्रणित पाल गोपी सबीकी।४। 

 

आरती श्री राणीसतीजी की 

बन्दनीय सुरसजन गुनिये की।।

 

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