Shri Durgaji Ki Aarti-श्री दुर्गाजी की आरती

Shri Durgaji Ki Aarti यह आरती माता दुर्गा की स्तुति और उन्हें प्रसन्न करने के लिए गाई जाती है। इस आरती का उद्देश्य मां दुर्गा की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करना है।यह आरती आधिकारिक रूप से नवरात्रि के दौरान महिषासुर मर्दिनी पूजा में गाई जाती है।श्री दुर्गाजी की आरती के द्वारा भक्त एक पवित्र वातावरण बनाते हैं और मन से उन्हें समर्पित करते हैं। 
Shri Durgaji Ki Aarti-श्री दुर्गाजी की आरती

Shri Durgaji Ki Aarti Lyrics

जय अम्बे गौरी, मैया जय मंगल मूर्ति ,मैया जय आनन्द करणी। 

तुमको निश  दिन ध्यावत ,हरि  ब्रम्हा शिवहरि ।। टेक।। 

 

मांग सिंदूर विराजत टीको मृग माध को।

उज्ज्वल से दोउ नैना चन्द्र बदन नीको ।।जय।।  

 

कनक समान  कलेवर रक्ताम्बर राजै। 

रक्त पुष्प गलमाला कंठन पर साजै।।जय।।

 

केहिर वाहन राजत  खड्ग खप्पर धारी। 

सुर नर मुनिजन सेवत तिनके दुःखहारी।।जय।।

 

कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती। 

कोटिक चन्द्र दिवाकर राजत सम ज्योति।।जय।। 

 

Shri Durgaji Ki Aarti Video


आपने अभी "श्री दुर्गाजी की आरती" के बोल (Lyrics) इस लेख में देखे हैंइस भक्तिपूर्ण और आध्यात्मिक आरती से सबंधित अन्य आरतीया निचे दि गई हैं जो आपको अवश्य ही पसंद आयेगे, कृपया करके इन आरतियो को भी देखें.

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