Om Jai Jagdish Hare-ओम जय जगदीश हरे 

 ॐ जय जगदीश हरे यह भगवान विष्णु को समर्पित एकहिंदी भाषा की रचना है। Om Jai Jagdish Hare पंडित शरद राम फिल्लौरी द्वारा लिखित एक धार्मिक आरती है जो विशेष रुप से विष्णु देव की पूजा के लिए गाया जाता है। आरती के समय भक्तों द्वारा यह प्रार्थना गाई जाती है। भगवान विष्णु की यह आरती के समय भक्त मन, देह, बुद्धि और आत्मा की शांति की कामना करता है। इस आरती के माध्यम से श्रद्धालु भक्त विष्णु भगवान की कृपा और आशीर्वाद की प्रार्थना करते हैं।
Om Jai Jagdish Hare-ओम जय जगदीश हरे

Om Jai Jagdish Hare Lyrics

ॐ जय जगदीश हरे स्वामी जय जगदीश हरे।

भक्त जनन के संकट क्षण में दूर करे।।ॐ।।

 

जो ध्यावे फल पावे दुःख विनसे मनका।

सुख सम्पत्ति घर आवे कष्ट मिटे तनका।।ॐ।।

 

मात पिता तुम मेरे शरण गहूं किसकी। 

तुम बिन और न दूजा आस करूं जिसकी।।ॐ।।

 

तुम पूरण परमात्मा तुम अन्तरयामी। 

पारब्रह्म परमेश्वर तुम सबके स्वामी।।ॐ।।

 

तुम करुणा के सागर तुम पालन कर्त्ता। 

मैं मूरख खल कामी कृपा करो भर्ता।।ॐ।।

 

तुम हो एक अगोचर सबके प्राण पति। 

किस विधि मिलूं दयामय तुमको मैं कुमती।।ॐ।।

 

दिन बन्धु दुःख हर्ता तुम ठाकुर मेरे।

करुणा हस्त बढ़ाओ द्वार पड़ा तेरे।।ॐ।।

 

विषय विकार मिटाओ पाप हरो देवा।

श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ सन्तन की सेवा।।ॐ।।


Om Jai Jagdish Hare Video

 

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