Ek Shloki Bhagwat-एक श्लोकी भागवत

Ek Shloki Bhagwat: एक श्लोकी भागवत यह एक छोटी पर गहरी रचना है जो हमें मन को सुकून देती है और हमारी धार्मिक भावनाओं को जागृत करती है। वर्तमान समय में समय के अभाव सम्पूर्ण भागवत का नित्य पाठ मनुष्य के लिए संभव नहीं श्री कृष्णकी लीलावों को समर्पित भागवत पुराण का एक श्लोक ऐसाभी है जिस के नियमित विधि विधान से पाठ करनेसे सम्पूर्ण भागवत पाठ का फल प्राप्त होता है। इसे एक श्लोकि भागवत कहते हैं। 
Ek Shloki Bhagwat-एक श्लोकी भागवत

Ek Shloki Bhagwat Arth Sahit

श्लोक :

आदौ देवकी देव गर्भजननं ,गोपी गृहे वर्द्धनम। 

माया पूतनिजीव ताप हरणं ,गोवर्ध्दनोध्ण्णम।।

कंसच्छेदनकौरवादिहननं ,कुन्तीसुतापालनम। 

एतद श्रीमदभागवत पुराण कथितं श्रीकृष्ण लीलामृतम 

अच्तुयं केशवं रामनारायणं कृष्ण -दामोदरं वासुदेवं हरिम। 

श्रीधरं माधवं गोपिकावल्लभं जानकी नायकं रामचंद्र भजे।।
 

अर्थ :

 कृष्ण ने देवकी के गर्भ में जन्म लिया ,गोपी -ग्वालों के साथ बड़े हुए,पूतना का संहार किया ,गोवर्धन पर्वत को धारण किया ,कंस का वध किया ,कुंती पुत्र अर्थात पांडवों की रक्षा की ,कौरवों का नाश किया इस प्रकार कृष्ण ने संसार में अपनी लीलाएं रची। यही एक श्लोकि भागवत का सम्पूर्ण अर्थ हैं।

 

Ek Shloki Bhagwat Video


आपने अभी श्लोक "एक श्लोकी भागवत" के बोल (Lyrics) और अर्थ इस लेख में देखे हैंइस भक्तिपूर्ण और आध्यात्मिक श्लोक से सबंधित अन्य श्लोक निचे दिये गये हैं जो आपको अवश्य ही पसंद आयेगे, कृपया करके इन श्लोक को भी देखें.

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