Jai Shree Shyam Bhakt Sukh Data-जय श्री श्याम भक्त सुख दाता

Jai Shree Shyam Bhakt Sukh Data-जय श्री श्याम भक्त सुख दाता

Jai Shree Shyam Bhakt Sukh Data Lyrics

*दोहा *

गजानन्द को सुमर कर, धर सुरसति का ध्यान। 

बरनऊ खाटू श्याम यश राखे सतगुरु मान।।

जय श्री श्याम पांडव सुवन ,सब मंगल की खान। 

कष्ट हरण सब भय हरण, रखो भक्त की आन।।

*चौपाई *

जय श्री श्याम भक्त सुख दाता। तेरी महिमा है विख्याता।।

कृष्ण के तुम हो अवतारा। आये हरण भूमि का भारा।।

महावीर देवन हितकारी। शुद्ध बुद्धी दो हे असुरारी।।

कन्चन का तेरे छत्र विराजे। शीश मुकुट गल पुष्पन साजे।।

अहलवती के पुत्र कहावो। दुष्टन के मन भय उपजाओ।।

चतुराई कछु वरनि न जाये। बल का भेद कोई नहीं पाये।। 

तुम चण्डी के महान उपासक। सब दुष्टन के हो तुम नाशक।।

लेकर रथ महाभारत आये। एक बाण से बल दिखलाये।।

कृष्ण को सिर दिया दान में। पाया नाम तुम उसी मान।।

महाभारत तुम सकल निहारा। आखिर में कौरव कुल हारा।।

जब तुम से सब न्याय कराया। किया फैसला सब मन भाया।।

यदुवंशी ने करी बड़ाई। जो कोई तेरा गुन गाई।।

सफल कामना हो सब पूरी। सही बात ये नहीं अधूरी।।

इन्द्रादिक ब्रम्हादि मुनीसा। सहश्र मुखन के और अहीसा।।

कवि विशारद सुर नर नारी। गावें महिमा पावं न पारी।।

तुम पांडन के हो हितकारी। दिई जिताय लड़ाई भारी।।

तुमने मदत विजय की किन्ही। उसने अनेक विभूति दीन्ही।।

लीन्ही परीक्षा सब चकराया। पीपल पत्ते छेद दिकाया।।

तब अचरज से सभी निहारा। देखा सबने तेज अपारा।।

कठिन काम जितने जग माहि। छीन में कर दिये अचरज नाहीं।।

मर्यादा के हो तुम पालक। दुष्ट जनन के ह्रदय सालक।।

शरण गहे से सब सुख पावे। भुत प्रेत दूर सब जावें।।

तुमसा तेज न है जग आना। तीन लोक में लोहा माना।।

जो रटे श्याम -श्याम दिन राति। सकल अविद्या झट मिट जाती।।

रोग दोष सब मिट जाये तन से। करै ध्यावना सच्चे मन से।।

दुविध्या सै श्री श्याम बचावें। नित उठ गीत श्याम का गावें।।

कृष्ण तक जाचक बन आये। उसका पार कौन नर पाये।।

सकल मनोरथ दायक श्यामा। भक्त जनन के सारे कामा।।

युग-युग से महिमा चल आई। सुर नर मुनिजन सकल सराई।।

सन्त दीन के हो रखवारे। हरो कष्ट जन तुम्हें पुकारे।।

बांझन को तुम हो सूत दाता। तुमहीं हमारे हो पितु माता।।

अतुलित शक्ति है तुम पाहीं। जिसका भेद जाने अज्ञ नाहीं।।

मुक्त होय तुम्हारा गुन गायें। चित चरण में ध्यान लगायें।।

तुम्हारे जो कोई मंदिर आवे। खीर चूरमा तुम्हें जिमावे।।

होवे सकल कामना पूरी। श्याम नाम संजीवन मुरी।।

जन्म -जन्म के दुख मिट जाई। जो सुमरे श्री श्याम गुसांई।।

जय जय श्याम खाटू के राजा। करहो कृपा तुम राखो लाजा।।

जो यह पाठ करे सत कोई। ज्यापर कृपा श्याम की होई।।

छूटहिं बन्दी जीव सुख लहई। जो यह पढ़े नियम से गहई।।

हम सब है दास तुमहारा। बेड़ा करना पार हमारा।।

*दोहा*

दास जानकर दया ,शरण लियो तिहार। 

बार बार मम विनती , अब तो जरा निहार।।


आपने अभी भजन "जय श्री श्याम भक्त सुख दाता" के बोल (Lyrics) इस लेख में देखे हैंइस भक्तिपूर्ण और आध्यात्मिक भजन से सबंधित अन्य भजन निचे दिये गये हैं जो आपको अवश्य ही पसंद आयेगे, कृपया करके इन भजनों को भी देखें.

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