Shree Rani Sati Chalisa-श्री रानी सती चालीसा

श्री रानी सती चालीसा एक प्रमुख पूजा पाठ है जिसे श्री रानी सती माता के भक्तों द्वारा किया जाता है। रानी सती को नारायणी देवी भी कहा जाता है और उन्हें दादीजी (दादी ) कहा जाता है। राजस्थान के झुंझुनू जिले में रानी सती का भव्य मंदिर स्थित है। Shree Rani Sati Chalisa का पाठ भक्तो द्वारा उनका आशीर्वाद पाने के लिए किया जाता है। इसे पठने से व्यक्ति को शांति, समृद्धि, और संतुष्टि का अनुभव होता है।
Shree Rani Sati Chalisa-श्री रानी सती चालीसा

Shree Rani Sati Chalisa Lyrics

अथ :श्री राणी सतीजी चालीसा 

 *दोहा *

 श्रीगुरु पद पंकज नमन ,दूषित भाव सुधार। 

राणीसती सुविमल यश ,बरणौं मति अनुसार।।

 काम क्रोध मद लोभ मां ,भरम रहा संसार। 

शरण गहि करुणा मई ,सुख सम्पति संचार।।

*चौपाई * 

 नमो नमो श्री सती भवानी। जग विख्यात सभी मनमानी। १। 

नमो नमो संकटकूं हरनी। मन वांछित पूरण सब करनी। २। 

नमो नमो जय जय जगदम्बा। भक्तन काज न होय विलम्बा। ३। 

नमो नमो जय जय जग तारिणी। सेवक जन के काज सुधारिणी। ४। 

दिव्य रूप सर चुंदर सोहो। जगमगात कुण्डल मन मोहे। ५। 

मांग सिन्दूर सुकाजर टिकी। गजमुक्ता नथ सुन्दर नीकी। ६। 

गल वैजन्ति माल बिराजे। सोलहुँ साज बदन पे साजे। ७। 

धन्य भाग गुरसामलजी को। महम डोकवा जन्म सती को। ८। 

तनधनदास पतिवर पाये। आनन्द मंगल होत सवाये। ९। 

जालीराम पुत्र वधू होके। वंस पवित्र किया कुल दो के। १०। 

पती देव रण मांय जुझारे। सती रूप हो शत्रु संहारे। ११। 

पति संग ले सदगति पाई। सुर मन हर्ष सुमन बरसाई। १२। 

धन्य धन्य उस राणा जी को। सुफल हुआ कर दरस सती को। १३। 

बिक्रम तेरा सौ बावन कूं। मंगषिर बदि नौमी मंगलकूं। १४। 

नगर झुन्झनु प्रगटी माता। जग विख्यात सुमंगल दाता। १५। 

दूर देश के जात्री आवें। धुप दीप नैवेद्य चढ़ावें। १६। 

उच्छाड़ छाड़ते हैं आनन्द से। पूजा तन मन धन श्रीफल से। १७। 

जात जडूला रात जगावे। बांसल गोती सभी मनावे। १८। 

पूजन पाठ पठन द्विज करते। देव ध्वनी मुखसे उच्चारते। १९। 

नाना भांति भांति पकवाना। विप्रजनों को न्यूत जिमाना। २०। 

श्रद्धा भक्ति सहित हरसाते। सेवक मन वांछित फल पाते। २१। 

जय जय जय कार करे नर नारी। श्री राणीसती की बलिहारी। २२। 

द्वार कोट नित नोबत बाजे। होत सिंगार साज अति साजे। २३। 

रत्न सिंहासन झलके नीको। पल पल छिन छिन ध्यान सती को। २४। 

भाद्र कृष्ण मावस दिन लीला। भरत मेला रंग रंगीला। २५। 

भक्त सूजन की सकड़ भीड़ है। दरसन के हित नहीं छीड़ है। २६। 

अटल भुवन में ज्योति तिहारी। तेज पुंज जग मां उजियारी। २७। 

आदिशक्ति मैं मिली ज्योति है। देस देस में भवन भौति है। २८। 

नाना विधि सों पूजा करते। निशिदिन ध्यान तिहारो धरते। २९। 

कष्ट निवारणी दुःख नासिनी। करुणामयी झुन्झुनु वासिनी। ३०। 

प्रथम सती नारायणी नामां। द्वादस और हुई इसी धामा। ३१। 

तिहुँ लोक में कीरति छाई। श्री राणी सती फिरी दुहाई। ३२। 

सुबह शाम आरती उतारे। नोबत घन्टा ध्वनि टांकरे। ३३। 

राग छ्तीसों बाजा बाजें। तेरह मण्ड सुन्दर अति साजें। ३४। 

त्राहि -त्राहि मैं शरण आपकी। पुरो मन की आस दास की। ३५। 

मुझको एक भरोसो तेरो। आन सुधारो कारज मेरो। ३६। 

पूजन जप तप नेम न जानूं। निर्मल महिमा नित्य बखानूं। ३७। 

भक्तन की आपति हर लेनी। पुत्र पोत्र सम्पति वर देनी। ३८। 

पढे चालीसा जो सतबारा। होय सिद्ध मन मांहि बिचारा। ३९। 

गोपीराम शरण ली थारी। क्षमा करो सब चूक हमारी। ४०। 

*दोहा *

दुख आपद विपता हरण ,जग जीवन आधार। 

बिगरी बात सुधारिये ,सब अपराध बिसारी।।

 

(।।इति श्री राणी सतीजी चालीसा सम्पूर्णम ।।)


Shree Rani Sati Chalisa Video


आपने अभी "श्री रानी सती चालीसा" के बोल (Lyrics) इस लेख में देखे हैंइस भक्तिपूर्ण और आध्यात्मिक चालीसा से सबंधित अन्य देवतावों की चालीसा निचे दिये गये हैं जो आपको अवश्य ही पसंद आयेगे, कृपया करके इन चालीसा को भी देखें.

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